हर्फ़ अपने ही मआनी की तरह होता है By Sher << जिस्म थकता नहीं चलने से क... 'फ़ैसल' मुकालिमा ... >> हर्फ़ अपने ही मआनी की तरह होता है प्यास का ज़ाइक़ा पानी की तरह होता है Share on: