हिज्र की रात वो ख़त भी जलाए तो कैसे By Sher << होंटों से उस दर्द की ख़ुश... हँसी में टाल दे फिर से हम... >> हिज्र की रात वो ख़त भी जलाए तो कैसे उस के घर में कोई आतिश-दान नहीं Share on: