होगा ज़रूर एक न इक दिन मुबाहिसा By Sher << नई सदा हो नए होंट हों नया... तुम इस रस्ते में क्यूँ बा... >> होगा ज़रूर एक न इक दिन मुबाहिसा रिज़वाँ से और कू-ए-सनम के मुक़ीम से Share on: