हम ने मिल-जुल के गुज़ारे थे जो दिन अच्छे थे By Sher << शायद निकल ही आए कोई चाराग... ख़ुदा गवाह कि दोनों हैं द... >> हम ने मिल-जुल के गुज़ारे थे जो दिन अच्छे थे लम्हे वो फिर से जो आते तो बहुत अच्छा था Share on: