हुस्न बाज़ार की ज़ीनत है मगर है तो सही By Sher << यहाँ यार और बरदार कोई नही... लुट गई शब को दो शय जिस को... >> हुस्न बाज़ार की ज़ीनत है मगर है तो सही घर से निकला हूँ तो उस चौक से भी हो आऊँ Share on: