इक उम्र भटकते हुए गुज़री है जुनूँ में By Sher << जब भी देखी है किसी चेहरे ... अर्सा-ए-ज़ुल्मत-ए-हयात कट... >> इक उम्र भटकते हुए गुज़री है जुनूँ में अब कौन फ़रेब-ए-निगह-ए-यार में आए Share on: