इंसान बे-हिसी से है पत्थर बना हुआ By Sher << 'असग़र' हरीम-ए-इश... दीवार-ए-ज़िंदाँ के पीछे >> इंसान बे-हिसी से है पत्थर बना हुआ मुँह में ज़बान भी है लहू भी रगों में है Share on: