इश्क़ की अज़्मतें बजा लेकिन By Sher << इस क़दर ऊँची हुई दीवार-ए-... सिर्फ़ अल्फ़ाज़ पे मौक़ूफ... >> इश्क़ की अज़्मतें बजा लेकिन इश्क़ ही मक़्सद-ए-हयात नहीं Share on: