ज़िंदगी की भी यक़ीनन कोई मंज़िल होगी By Sher << निकले कभी न घर से मगर इस ... दिल की बे-ताबी ठहरने नहीं... >> ज़िंदगी की भी यक़ीनन कोई मंज़िल होगी ये सफ़र ही की तरह एक सफ़र है कि नहीं Share on: