जलाओ ग़म के दिए प्यार की निगाहों में By Sher << कोई हलचल है न आहट न सदा ह... चमकते ख़्वाब मिलते हैं मह... >> जलाओ ग़म के दिए प्यार की निगाहों में कि तीरगी है बहुत ज़िंदगी की राहों में Share on: