ज़मीं का रिज़्क़ हूँ लेकिन नज़र फ़लक पर है By Sher << कोई भी दिल में ज़रा जम के... अहद-ए-जवानी रो रो काटा पी... >> ज़मीं का रिज़्क़ हूँ लेकिन नज़र फ़लक पर है कहो फ़लक से मिरे रास्ते से हट जाए Share on: