जंगलों को काट कर कैसा ग़ज़ब हम ने किया By Sher << जिस्म का कूज़ा है अपना और... जब उस को देखते रहने से थक... >> जंगलों को काट कर कैसा ग़ज़ब हम ने किया शहर जैसा एक आदम-ख़ोर पैदा कर लिया Share on: