जिस दिन से अपना तर्ज़-ए-फ़क़ीराना छुट गया By Sher << सुकून क़ल्ब को जिस से मिल... अक्स-ए-ख़ुशबू हूँ बिखरने ... >> जिस दिन से अपना तर्ज़-ए-फ़क़ीराना छुट गया शाही तो मिल गई दिल-ए-शाहाना छुट गया Share on: