जो आज चढ़ाते हैं हमें अर्श-ए-बरीं पर By Sher << जो कि सज्दा न करे बुत को ... जिस नूर के बक्के को मह-ओ-... >> जो आज चढ़ाते हैं हमें अर्श-ए-बरीं पर दो दिन को उतारेंगे वही लोग ज़मीं पर Share on: