निकल गए हैं जो बादल बरसने वाले थे By Sher << जो अहल-ए-ज़ौक़ हैं वो लुत... मुझे तौबा का पूरा अज्र मि... >> निकल गए हैं जो बादल बरसने वाले थे ये शहर आब को तरसेगा चश्म-ए-तर के बग़ैर Share on: