जो आशिक़ हो उसे सहरा में चल जाने से क्या निस्बत By Sher << दीवानगी के सिलसिला का होए... किया मुझ इश्क़ ने ज़ालिम ... >> जो आशिक़ हो उसे सहरा में चल जाने से क्या निस्बत जुज़ अपनी धूल उड़ाना और वीराने से क्या निस्बत Share on: