किया मुझ इश्क़ ने ज़ालिम कूँ आब आहिस्ता आहिस्ता By Sher << जो आशिक़ हो उसे सहरा में ... समेट लाता हूँ मोती तुम्हा... >> किया मुझ इश्क़ ने ज़ालिम कूँ आब आहिस्ता आहिस्ता कि आतिश गुल कूँ करती है गुलाब आहिस्ता आहिस्ता Share on: