कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता By Sher << हिज्र-ए-जानाँ के अलम में ... तुम्हारे ब'अद ख़ुदा ज... >> कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता Share on: