कहा आशिक़ से वाक़िफ़ हो तो फ़रमाया नहीं वाक़िफ़ By Sher << न तो कुछ फ़िक्र में हासिल... अपना ही हाल तक न खुला मुझ... >> कहा आशिक़ से वाक़िफ़ हो तो फ़रमाया नहीं वाक़िफ़ मगर हाँ इस तरफ़ से एक ना-महरम निकलता है Share on: