क़ामत तिरी दलील क़यामत की हो गई By Sher << सख़्ती-ए-राह खींचिए मंज़ि... क़ैद-ए-मज़हब की गिरफ़्तार... >> क़ामत तिरी दलील क़यामत की हो गई काम आफ़्ताब-ए-हश्र का रुख़्सार ने किया Share on: