क़त्ल और मुझ से सख़्त-जाँ का क़त्ल By Sher << सबक़ आ के गोर-ए-ग़रीबाँ स... क़फ़स में जी नहीं लगता है... >> क़त्ल और मुझ से सख़्त-जाँ का क़त्ल तेग़ देखो ज़रा कमर देखो Share on: