क़ौम के ग़म में डिनर खाते हैं हुक्काम के साथ By तंज़, Sher << न इतना ज़ुल्म कर ऐ चाँदनी... जो उन पे गुज़रती है किस न... >> क़ौम के ग़म में डिनर खाते हैं हुक्काम के साथ रंज लीडर को बहुत है मगर आराम के साथ Share on: