ख़िरद की रह जो चला मैं तो दिल ने मुझ से कहा By Sher << सुकूत तर्क-ए-तअ'ल्लुक... तमाम उम्र नए लफ़्ज़ की तल... >> ख़िरद की रह जो चला मैं तो दिल ने मुझ से कहा अज़ीज़-ए-मन ''ब-सलामत-रवी ओ बाज़-आई'' Share on: