ज़र्रे ज़र्रे में क़यामत का समाँ है 'साहिल' By Sher << मकीं जब नींद के साए में स... तोड़े बग़ैर संग तराशे न ज... >> ज़र्रे ज़र्रे में क़यामत का समाँ है 'साहिल' एक ही दिल के सहारे नहीं रो सकता मैं Share on: