ख़मोशी बस ख़मोशी थी इजाज़त अब हुई है By Sher << क़फ़स की तीलियों में जाने... साए लरज़ते रहते हैं शहरों... >> ख़मोशी बस ख़मोशी थी इजाज़त अब हुई है इशारों को तिरे पढ़ने की जुरअत अब हुई है Share on: