ख़ुदा आबाद रक्खे ज़िंदगी को By Sher << ये अंजुमन ये क़हक़हे ये म... इक पल का क़ुर्ब एक बरस का... >> ख़ुदा आबाद रक्खे ज़िंदगी को हमारी ख़ामुशी को सह गई है Share on: