किसे ख़बर थी ख़िज़ाँ क़त्ल-ए-आम कर देगी By Sher << किसी गाँव में कच्चे घर की... बात कुछ यूँ है कि कल रात ... >> किसे ख़बर थी ख़िज़ाँ क़त्ल-ए-आम कर देगी तुम्हारे नाम से खिलते हुए गुलाबों का Share on: