किसी के तीर को छाती से हम लगाए रहे By Sher << पहले पहले हवस इक-आध दुकाँ... किस तरफ़ आए किधर भूल पड़े... >> किसी के तीर को छाती से हम लगाए रहे तमाम उम्र कलेजे के पार ही रक्खा Share on: