किताब-ए-ज़िंदगी की ये मुक़द्दस आयतें हैं By Sher << कारवाँ से जो भी बिछड़ा गर... निगाहों में जो मंज़र हो व... >> किताब-ए-ज़िंदगी की ये मुक़द्दस आयतें हैं हिरन चीतल चिकारे तितलियाँ जुगनू परिंदे Share on: