कुछ ग़ज़लें उन ज़ुल्फ़ों पर हैं कुछ ग़ज़लें उन आँखों पर By Sher << यादों ने ले लिया मुझे अपन... वो हबीब हो कि रहबर वो रक़... >> कुछ ग़ज़लें उन ज़ुल्फ़ों पर हैं कुछ ग़ज़लें उन आँखों पर जाने वाले दोस्त की अब इक यही निशानी बाक़ी है Share on: