लचक है शाख़ों में जुम्बिश हवा से फूलों में By Sher << ज़ानू पर 'अमीर' स... जब कहीं दो गज़ ज़मीं देखी... >> लचक है शाख़ों में जुम्बिश हवा से फूलों में बहार झूल रही है ख़ुशी के फूलों में Share on: