लम्बी तान के सो जा और By Sher << देखना हर सुब्ह तुझ रुख़्स... लज़्ज़त-ए-दर्द-ए-जिगर याद... >> लम्बी तान के सो जा और सिसकी को ख़र्राटा कर Share on: