मैं अपने ख़्वाब से कट कर जियूँ तो मेरा ख़ुदा By Sher << इक इशारा सर-ए-महफ़िल जो क... कौन जाने कि नए साल में तू... >> मैं अपने ख़्वाब से कट कर जियूँ तो मेरा ख़ुदा उजाड़ दे मिरी मिट्टी को दर-ब-दर कर दे Share on: