मैं कि एक मेहनत-कश मैं कि तीरगी-दुश्मन By Sher << कब तक नजात पाएँगे वहम ओ य... फाड़ ही डालूँगा मैं इक दि... >> मैं कि एक मेहनत-कश मैं कि तीरगी-दुश्मन सुब्ह-ए-नौ इबारत है मेरे मुस्कुराने से Share on: