मैं ने तन्हाइयों के लम्हों में By Sher << देख कभी आ कर ये ला-महदूद ... खिड़की तो 'शाज़' ... >> मैं ने तन्हाइयों के लम्हों में तुम को अक्सर क़रीब पाया है Share on: