मालूम हुआ कैसे ख़िज़ाँ आती है गुल पर By Sher << ये रौशनी यूँही आग़ोश में ... कितनी बे-रंग थी दुनिया मि... >> मालूम हुआ कैसे ख़िज़ाँ आती है गुल पर सीखा है बिखरना तिरे इंकार से मैं ने Share on: