मस्ती भरी हवाओं के झोंके न पूछिए By Sher << न होता ख़ानुमाँ तो ख़ानुम... किस को ख़बर हैं कितने बहक... >> मस्ती भरी हवाओं के झोंके न पूछिए फ़ितरत है आज साग़र-ओ-मीना लिए हुए Share on: