मिरे लिए शब-ए-महताब इक क़यामत है By Sher << 'नाशाद' न कोई नग़... देखी थीं कभी मैं ने भी बर... >> मिरे लिए शब-ए-महताब इक क़यामत है तुम आओ चाँद सितारों में दिल नहीं लगता Share on: