मिटती नहीं तारीख़ से कोई भी इबारत By Sher << देख कभी आ कर ये ला-महदूद ... मैं ने तन्हाइयों के लम्हो... >> मिटती नहीं तारीख़ से कोई भी इबारत तारीख़ लिखेगी कि लिखा काट रहे हैं Share on: