मुँह-ज़बानी क़ुरआन पढ़ते थे By Sher << नासेह मिरे रोने का न माने... इज़ाला हो गया ताख़ीर से न... >> मुँह-ज़बानी क़ुरआन पढ़ते थे पहले बच्चे भी कितने बूढ़े थे Share on: