मुझ को जन्नत से उठा कर ये कहाँ फेंक दिया By Sher << अभी तो मैं ने फ़क़त बारिश... चाँद मेरे घर में उतरा था ... >> मुझ को जन्नत से उठा कर ये कहाँ फेंक दिया अपने मस्कन से बहुत दूर रहूँगा कैसे Share on: