ऐ 'मुसहफ़ी' शायर नहीं पूरब में हुआ मैं By Sher << रात को रात ही इस बार कहा ... याद तो हक़ की तुझे याद है... >> ऐ 'मुसहफ़ी' शायर नहीं पूरब में हुआ मैं दिल्ली में भी चोरी मिरा दीवान गया था Share on: