न सुर्ख़ी ग़ुंचा-ए-गुल में तिरे दहन की सी By Sher << मैं देर तक तुझे ख़ुद ही न... रहमान के फ़रिश्ते गो हैं ... >> न सुर्ख़ी ग़ुंचा-ए-गुल में तिरे दहन की सी न यासमन में सफ़ाई तिरे बदन की सी Share on: