नफ़स नफ़स हो सबा की तरह बहार-अंगेज़ By Sher << रात दिन फिर रहा हूँ गलियो... लिबास में है वो तर्ज़-ए-त... >> नफ़स नफ़स हो सबा की तरह बहार-अंगेज़ उफ़ुक़ उफ़ुक़ गुल-ए-हस्ती महक महक जाए Share on: