निगह-ए-नाज़ से इस चुस्त क़बा ने देखा By Sher << पुराने घर की शिकस्ता छतों... क्या ख़बर मेरे ही सीने मे... >> निगह-ए-नाज़ से इस चुस्त क़बा ने देखा शौक़ बेताब गुल-ए-चाक-ए-गरेबाँ समझा Share on: