पैकर-ए-गुल आसमानों के लिए बेताब है By Sher << किस तरह से गुज़ार करूँ रा... तुम्हारी याद में जीने की ... >> पैकर-ए-गुल आसमानों के लिए बेताब है ख़ाक कहती है कि मुझ सा दूसरा कोई नहीं Share on: