तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी By Sher << पैकर-ए-गुल आसमानों के लिए... हुए मर के हम जो रुस्वा हु... >> तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी कुछ अपना हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो Share on: