पलट पड़ा जो मैं सर फोड़ कर मोहब्बत में By Sher << इश्क़ गोरे हुस्न का आशिक़... शर्बत का घूँट जान के पीता... >> पलट पड़ा जो मैं सर फोड़ कर मोहब्बत में तो रास्ता इसी दीवार से निकल आया Share on: