पय-ब-पय तलवार चलती है यहाँ आफ़ात की By Sher << पाँव से लग के खड़ी है ये ... मौजा-ए-अश्क से भीगी न कभी... >> पय-ब-पय तलवार चलती है यहाँ आफ़ात की दस्त-ओ-बाज़ू की ख़बर लूँ तो समझिए सर गया Share on: