वो चार चाँद फ़लक को लगा चला हूँ 'क़मर' By Sher << कई बारी बिना हो जिस की फि... छुप छुप के कहाँ तक तिरे द... >> वो चार चाँद फ़लक को लगा चला हूँ 'क़मर' कि मेरे बा'द सितारे कहेंगे अफ़्साने Share on: